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Tuesday 26 March 2019

પ્રેરણાદાયક લેખ : તા - ૨૭/૦૩/૨૦૧૯ અને બુધવાર


FB, Whatsapp, Insta आदि पर ऐक्टिव रहने वाले व्यक्तियों के लिए

स्कूल में पैरेंट मीटिंग में गया था वहां पर एक पुलिस अधिकारी भी आये थे। सभा भरी थी, वहां पुलिस अधिकारी ने पूछा आप मे से कितने लोग फेसबुक का उपयोग करते है लगभग सभी ने कहा हम उपयोग करते है तब उन्होंने एक पालक की और इशारा करते हुए पूछा आप के कितने फेसबुक फ्रेंड है तब उस आदमी ने सीना ठोककर कहा मेरे पांच हजार फ्रेंड्स है बाकी सभी लोग आश्चर्य से उसकी और देखने लगें।

पुलिस ने उसे अगला प्रश्न किया आप उनमे से कितने लोगो को प्रत्यक्ष पहचानते हो या उनसे मिले हो?अब वह थोड़ा घबराया और बोला ज्यादा से ज्यादा सौ-दो सौ को..

तब पुलिस अधिकारी ने कहा इतने सारे facebook friends है ओर परिचय सौ दो सौ से है। हमारे बार बार के निरीक्षण में यह पाया गया है कि हर पांच आदमियों के पीछे एक criminal mind होता है। आज के समय में घरवालो पर भी विश्वास करना कठिन हो गया है और हम बगैर सोचें समझें किसी की भी  friends request  आसानी से accept कर लेते है। हमारे पुलिस स्टेशन में एक केस आया जिसमे एक तीन साल की लड़की ग़ुम हो गई थी, बहुत जाँच पड़ताल की गई तब पता चला कि उस लड़की का स्कूल का पहला दिन था उस लड़की के पिता ने लड़की को बढ़िया तैयार कर एक फोटो निकाला और  fb पर पोस्ट कर लिखा My cute baby's first day of school.

चार दिन वह लड़की स्कूल गयी और पाँचवे दिन वह स्कूल से वापस नही आई जांच में पता चला कि एक आदमी fb का फोटो लेकर स्कूल में आया था और उसने कहा मैं लड़की का चाचा हु घर पर प्रोब्लम हो गई है इसलिए मैं उसे लेने आया हु ऐसा बोल कर स्कूल से ले गया सघन जाँच करने पर पता चला कि वह लड़की 24 घंटे के अंदर भारत के बाहर भेज दी गई कारण यह क्रिमिनल लोग ऐसे होते है कि फोटो डाला कि यह अपनी फ़ास्ट चैन के द्वारा उसके डाक्यूमेंट तैयार करके रख लेते है और दिन तय कर घटना को अन्जाम देते है और उठाकर ले जाते है उसके बाद न कोई फोन, न कोई पैसो की डिमांड |

अब बताओ इसमें गलती किसकी ? अपनी एक गलती का उस पिता को कितना दुःख हुआ होगा। हम क्यों अपेक्षा करते है कि अपने फोटो पर या बातों पर हमें like मिले और बाहर का कोई व्यक्ति अपनी प्रशंसा करे वह भी अँगूठा बताकर दो चार कमैंट्स के लिये। अपने घर के लोग प्रशंशा करते नही क्या? क्यो हम अपने कुटुम्ब के लोगों की सुरक्षा से खेल रहे हैं जबाबदार हम है। हमारी आदते पसंद नापसंद इतने निचले स्तर पर पहुंच गया है की अब उस पर नियंत्रण करना कठिन हो गया है fb, whatsapp, insta पर की selfie ,हम इधर जा रहे हैं उधर जा रहे हैं। यहां पहुंचे वहा पहुंचे वह भी proper टाइम बताकर डालना याने चोर लुटेरों को आगाह करने जैसा है। 

खुद को संभालो...बस यही कहना है। 

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